अब हम जिस ब्लॉग की चर्चा करने जा रहे हैं उसका नाम है “ प्राइमरी का मास्टर “ जी हाँ मास्टर साहब हैं उत्तर प्रदेश के फतेहपुर के प्रवीण त्रिवेदी , जो अपने ब्लॉग के बारे में बड़े हीं साफ़ ढंग से कहते हैं , कि- “प्राईमरी स्कूल में कार्य कर रहे अध्यापकों से जुडी समस्यायों और छवियों को लेकर अंतर्द्वंद का ही परिणाम है मेरा यह ब्लॉग…!”

हमारी शिक्षा व्यवस्था की नींब और हमारे व्यापक सामाजिक सरोकारों को नया आयाम देने हेतु सुदृढ़ आधार रहा है प्राईमरी स्कूल । बस इसी बात को प्रमाणित करने की वेचैनी दिखती है उत्तर प्रदेश के इस छोटे से शहर के इस ब्लोगर में। शिक्षा के विभिन्न आयामों से गुजरते हुए यह ब्लॉग कभी- कभी सार्थक वहस को भी जन्म देता दिखाई देता है। प्रवीण कहते हैं, कि प्राईमरी के मास्टर की सबसे बड़ी समस्या है वह ख़ुद को अपडेट नही रख पाता , वहीं जनमानस को चाहिए की प्राईमरी मास्टर के प्रति अपने पूर्वाग्रहों को अपने मन से हटा दें…।

प्राईमरी का यह मास्टर अपने ब्लॉग पर अनेक दिलचस्प बातें करता हुआ दिखाई देता है , जैसे एक जगह प्रवीण कहते हैं ,कि कई स्कूल मिलकर अपने शिक्षकों का भी मूल्यांकन करें … ।

यह ब्लॉग वर्ष-२००८ में लगातार पोस्ट-दर-पोस्ट मुखर होता गया और इसके पाठक वहस- दर- वहस इस ब्लॉग का हिस्सा बनते चले गए । इस ब्लॉग को मेरी शुभकामनाएं !

कमोवेश इसी पृष्ठभूमि का परिस्कृत रूप है एक ब्लॉग , जिसका नाम है- “एक हिंदुस्तानी की डायरी“
उस ब्लॉग पर जहाँ एक शिक्षक की वेचैनी परिलक्षित होती है, वहीं इस ब्लॉग पर एक वेचैन हिन्दुस्तानी की वैचारिकछटपटाहट परिलक्षित होती है । यह वेचैन हिन्दुस्तानी कभी इकसठ साल पुराने मुद्दे को उठाता है तो कभी मायावती और पेप्सिको प्रमुख इंदिरा नुई के बीच की समानताओं को । इस ब्लॉग की सबसे बड़ी खासियत है ब्लोगर की दृढ़ता । ब्लोगर कभी ग्लोबलायिजेसन के अंतर्विरोधों को सामने लाने की कोशिश करता है तो कभी विदेशी व्यापार के असर को रेखांकित करते हुए इसके सकारात्मक पहलुओं की विवेचना भी ।

यह एक गंभीर ब्लॉग है और इस पर अनेकों गंभीर विषयों को बड़े सहज ढंग से उठाया गया है ।

शिक्षा और समाज के बाद आईये चलते हैं भारतीय लोकतंत्र के तीसरे स्तंभ न्यायपालिका की और। जी हाँ न्याय के विभिन्न पहलुओं से रू-ब-रू कराने वाला ब्लॉग है “अदालत “

अदालती कार्यवाही और फैसलों का समग्र प्रभामंडल है यह ब्लॉग। हम फैसलों को व्यक्तिगत हार- जीत के रूप में देखते हैं , जबकि इनका मकसद होता है सामाजिक व्यापकता। एक तरफ़ जहाँ लोकेश कर्णाटक हाई कोर्ट के फैसले का जिक्र करते हुए बिकलान्गता के पैमाने की चर्चा करते हैं , वहीं दूसरी तरफ़ अदालतों की भाषा शैली पर भी प्रश्न चिन्ह लगाते हुए अपने विचारों को पूरी दृढ़ता के साथ रखने में कामयाब होते दिखते हैं ।

कहीं-कहीं ब्लोगर तो किसी बेजान से मुकदमें से सामाजिक प्रसंग ढूंढता हुआ दीखता है, तो कहीं भूत-प्रेत के मुकदमों से सनसनी पैदा करता हुआ। कुल मिलाकर यह ब्लॉग काफी दिलचस्प है।

शिक्षा, समाज और अदालत के बाद आईये चलते हैं अब प्रेम की दुनिया में । एक ऐसे ब्लॉग पर जिसके क्लिक मात्र से आप विचरण करने लगेंगे प्रेम की मनचाही दुनिया में ।

तो आईये प्रेम कथाओं के इस पार्क पर चलिए करते है विचरण अपनी प्रेम भावनाओं के संग । यहाँ अजब-गजब प्रेम क वे क्षण मिलेंगे जो भीतर अक्सर किसी न किसी अनजान टकराहट से पैदा होते रहते हैं । इस ब्लॉग का नाम है “ अखाडे का उदास मुगदर “

यह ब्लॉग नेट कथा की दुनिया में प्रेम की प्रासंगिकता को रेखांकित करता है और पाठकों को प्रेम की प्रतिबद्धताओं से परिचय कराता है ।इस ब्लॉग के साथ आप प्रसंग और सन्दर्भ दोनों का अलग-अलग पथ कर सकते हैं और प्रेम की शूक्ष्म अनुभूतियों से वाकिफ भी । कुल मिलाकर यह ब्लॉग काफी दिलचस्प है।


किसी ने कहा है ,की मनुष्य के सात स्वास्थ्य होते हैं , उनमे से एक है शारीरिक स्वास्थ्य जसके ठीक-ठाक न रहने पर व्यक्ति का न तो मानसिक विकास हो सकता है और न भावनात्मक । इसके अभाव में किसी भी व्यक्ति का अस्तित्व शून्यबत है । इस चिट्ठा चर्चा में अब हम इसी विषय पर केंद्रित एक ब्लॉग की चर्चा कराने जा रहे हैं . ब्लॉग का नाम है-
स्वास्थ्य चर्चा ब्लोगर हैं जयपुर के मिहिर भोज।


इस ब्लॉग के माध्यम से हिन्दी भाषी पाठकों के लिए स्वास्थ्य विषयक जानकारी देने का अच्छा प्रयास कहा जा सकता है । आज के इस प्रदुषण भरे माहौल में जब व्यक्ति किसी न किसी रोग से पीड़ित है ऐसे में मिहिर भोज की यह स्वास्थ्य चर्चा कई दृष्टिकोण से काफी अहम् है ।


समयबद्ध भविष्यवाणी के साथ अनिश्चय से निश्चय की ओर कदम बढाती ज्योतिष की नई शाखा है एक ब्लॉग , जिसका नाम है
गत्यात्मक ज्योतिष ब्लोगर हैं बोकारो झारखंड की संगीता पुरी।

ज्योतिष एक ऐसा विषय है जिस पर लोगों के विचारों में काफी मतभेद देखने को मिलता , कोई इसे अंध विशवास तो कोई विज्ञान की संज्ञा देते हैं । विचारों पर कार्यों का प्रभुत्व बनाने वाले कुछ लोग जो इसे अंध विश्वास की संज्ञा देते हैं वही किसी अनजाने भय से ग्रस्त होते ही ज्योतिषीय सलाह लेने से पीछे नही हटते । खैर विचारों का यह द्वंद चलता रहेगा , मगर कुल मिलाकर यह चिट्ठा ज्योतिषीय सलाहकार के रूप में अपनी पहचान बनाने में सफल रहा है । ब्लोगर को मेरी शुभकामनाएं ।

भीतर झांकने का जो हमारा दर्शन है वह पिछले संस्कारों को जानने तथा परिष्कृत करने के लिए है । जीवन चक्र की अनुभूति करने वाला एक ब्लॉग है
सच्चा शरणम ब्लोगर हैं उत्तर प्रदेश के छोटे से शहर सकल डीहा के हिमांशु । यह ब्लॉग हमें हमारे भीतर की यात्रा कराता है।

यह ब्लॉग कर्म और अकर्म के बीच झुलाते मानवीय भावनाओं के अंतर्विरोधों को आयामित करता हुआ दिखाई देता है । हमारेजीवन का आधार है मन। मन है तो इच्छा है । इच्छा है तो गतिविधि है , लक्ष्य है, कार्य कलाप है , जीवन है । मन क्या है ? इसका स्वरूप , इसका कार्य , इसका वातावरण कैसे तैयार होता है ? जानना हो तो इस ब्लॉग पर एक बार अवश्य आईये …..

एक कविता की यह पंक्तियाँ है, कि-" अनजाने में फ़िर भी अनजान नही /दबे पाँव आहट मन- मस्तिस्क को रौंदती आगे बढ़ी/घोर निद्रा , फ़िर अधजगे में वह सपना मन में उठे आवेग को शायद सुलाने का प्रयत्न किया / उसकी ही याद में फ़िर एक बार तंद्रा भंग हुयी और भूल गया कि मैं कौन हूँ ?" इन प्रश्नों का हल ढूँढना हो तो आ जाईये
स्वप्न लोक पर । ब्लोगर हैं विवेक सिंह ।

ब्लोगर अपनी अत्यन्त सूक्ष्म-अनुभूतिओ के माध्यम से ले जायेगा एक सपनों की दुनिया में , जहाँ पहुँच कर कोई भी पाठक चौंक जायेगा एकवारगी । अत्यन्त ही सुंदर है विवेक सिंह की अनुभूतियों से रचा- बसा यह ब्लॉग।

……..अभी जारी है …/

14 comments:

  1. बोकारो से बाहर होने के कारण मैं आपकी चर्चा पढ नहीं पा रही थी....कल से आज तक सारे पढ डाले....बहुत मेहनत की है आपने....महत्‍वपूर्ण चिटठों को हमारे सामने रखकर आपने हमें भटकते रहने से बचा लिया है....मेरे चिटठे को आपने जो मान दिया है और मुझे शुभकामनाएं , उसके लिए भी आपको बहुत बहुत धन्‍यवाद।

    जवाब देंहटाएं
  2. अनुभूति का सत्य विचार का सत्य भी बन जाय और अभिव्यक्त होकर सबके सामने खुल-खिल पड़े, तो सारा रहस्य अनावृत होकर मुखर हो उठता है. अब यह रहस्य मनोजगत का हो अथवा बाह्य जगत का.
    हिन्दी चिट्ठा हलचल की इस सारगर्भित चर्चा के लिये धन्यवाद.

    जवाब देंहटाएं
  3. मेरे चिट्ठे के इतने मनोहारी उल्लेख के लिये पुनः धन्यवाद.

    जवाब देंहटाएं
  4. बहुत ही अच्छे चिट्ठो के बारे में चर्चा के लिए आभार .

    जवाब देंहटाएं
  5. नियमित पढ़ रहा हूँ ब्लॉग चर्चा -शुक्रिया !

    जवाब देंहटाएं
  6. पिछली कई कडि़यों को भी देखा। बहुत ही मेहनत और शोध कर विविध ब्‍लॉगों के बारे में जानकारी दे रहे हैं आप। खासकर नए ब्‍लॉगरों के लिए आपकी यह श्रृंखला निर्देशिका का काम कर सकती है। सराहनीय प्रयास।

    जवाब देंहटाएं
  7. अपने ब्लॉग का उल्लेख होने ......पर धन्यवाद देने से ज्यादा बेहतर होगा कि आपके इस प्रयास को मैं उत्साहवर्धन समझूं!!
    लगता है कि ब्लॉग जगत के लोग और अधिक गंभीरता की उम्मीद हमसे रखते हैं !! बहरहाल मार्च 2008 से इस क्षेत्र में आने के बावजूद सीखने -और -सिखाने की इस प्रकिया में आपकी यह पहल संजीवनी से कम नहीं समझी जानी चाहिए !!

    कृपया इस कड़ी को आगे जारी रखें ........ हम इन्तेजार कर रहे हैं !!

    जवाब देंहटाएं
  8. कृपया प्रवीण द्विवेदी के स्थान पर प्रवीण त्रिवेदी कर दें !

    जवाब देंहटाएं
  9. क्या बात है-गजब का अवलोकन है. कोई भी छूटा नहीं है. वाह!!

    जवाब देंहटाएं
  10. बहुत सूक्ष्म-अवलोकन किया है आपने महत्वपूर्ण ब्लॉगों का।

    जवाब देंहटाएं
  11. अरे साहब आपने तो हमें भी चर्चित कर दिया !

    धन्यवाद !

    जवाब देंहटाएं
  12. सचमुच प्रशंसनीय , आपको कोटिश: बधाईयाँ !

    जवाब देंहटाएं
  13. आपके मेहनत भरे इस महत्वपूर्ण कार्य को मेरा प्रणाम !

    जवाब देंहटाएं
  14. लंबे यात्रा अवकाश से लौटा तो आपकी पोस्ट पढ़ रहा हूँ।

    'अदालत' को यहाँ स्थान दे कर उत्साहवर्धन के लिए आपका धन्यवाद्।

    जवाब देंहटाएं

आपका स्नेह और प्रस्तुतियों पर आपकी समालोचनात्मक टिप्पणियाँ हमें बेहतर कार्य करने की प्रेरणा प्रदान करती हैं.

 
Top