अमृता प्रीतम (१९१९-२००५)पंजाबी के सबसे लोकप्रिय लेखकों में से एक थी। पंजाब के गुजराँवाला जिले में पैदा हुईं अमृता प्रीतम को पंजाबी भाषा की पहली कवयित्री माना जाता है। उन्होंने कुल मिलाकर लगभग १०० पुस्तकें लिखी हैं जिनमें उनकी चर्चित आत्मकथा रसीदी टिकट भी शामिल है। अमृता प्रीतम उन साहित्यकारों में थीं जिनकी कृतियों का अनेक भाषाओं में अनुवाद हुआ। अपने अंतिम दिनों में अमृता प्रीतम को भारत का दूसरा सबसे बड़ा सम्मान पद्मविभूषण भी प्राप्त हुआ। उन्हें साहित्य अकादमी पुरस्कार से पहले ही अलंकृत किया जा चुका था।

स्मृतियों की किताब के पन्ने पलटते हुए कवयित्री रश्मि प्रभा आज याद कर रही हैं उस आदर्श महिला को जिनके अप्रतिम योगदान से सुसज्जित है हमारा भारतीय साहित्य ....यहाँ किलिक करें 


उत्सव जारी है मिलते हैं एक अल्पविराम के बाद

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