राष्ट्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी संचार परिषद, नई दिल्ली (भारत सरकार) और तस्लीम, लखनऊ द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित, 'ब्लॉग लेखन के द्वारा विज्ञान संचार' विषय ५ दिवसीय कार्यशाला के तीसरे दिन के पहले सत्र में डा.अरविन्द मिश्र जी के अनुरोध पर मैंने ब्लॉग शब्द की व्याख्या प्रस्तुत की थी , किन्तु समयाभाव के कारण पूरी तरह प्रस्तुत नहीं कर पाया था । सुमन जी ने अनुरोध किया है कि उस व्याख्या को विस्तार से प्रस्तुत किया जाए ताकि नए चिट्ठाकारों अथवा पारिकल्पना से जुड़े सहयोगियों/मित्रों और शुभ चिंतकों का मार्गदर्शन हो सके । तो आईये हम ले चलते हैं आपको ब्लॉग की सच्ची दुनिया में-


ब्लॉग यद्यपि अंग्रेजी के चार अक्षरों का समूह है , यानी B L O और G ,इन चारो अक्षरों का अभिप्राय है -

B - Brief ( सारांश )
L - Logical (तर्कसंगत)
O - Operation (क्रिया)
G - Genuine
(वास्तविक)

अब नीचे से ऊपर की ओर शब्दों को मिलाईये , ब्लॉग की परिभाषा अपने आप स्पष्ट हो जायेगी -

अर्थात- वास्तविक क्रिया के द्वारा तर्कसंगत ढंग से सारांश प्रस्तुत करना ही ब्लॉग है ।

(१) सारांश का मतलब होता है - संक्षेप में विषय का सार प्रस्तुत करना

इसलिए ब्लॉग की पहली प्राथमिकता होती है छोटा लिखा जाए । अर्थात कम से कम शब्दों में लिखने का प्रयास किया जाए । लोगों के पास वक़्त कम होता है, लंबे लेख को कोई आधा पढ़े इससे अच्छा है छोटा लेख पूरा पढ़े ।

(२) तर्कसंगत का मतलब होता है - प्रमाणिकता

इसलिए जो भी प्रस्तुत किया जाए वह पूर्णत: प्रमाणिक हो मनगढ़ंत न हो और जब भी आवश्यकता महसूस हो सन्दर्भ प्रस्तुत कर उसे प्रमाणित कर दिया जाए , यदि पोस्ट लेखन के दौरान आप कोई सन्दर्भ देते हैं तो कोशिश करें कि उसके साथ लिंक लगाया जाए ।इससे आपकी विश्वसनीयता बनी रहेगी । यही है ब्लॉग की दूसरी प्राथमिकता ।

(३) क्रिया का मतलब है - आरंभिक तकनीकी जानकारी के साथ कार्य करना

अर्थात यदि आपको एक कुशल ब्लोगर बनना है तो आरंभिक तकनीकी जानकारी रखते हुए कार्य करना होगा नहीं तो ब्लोगिंग में हमेशा अवरोध की स्थिति बनी रहेगी । यही है ब्लॉग की तीसरी प्राथमिकता ।

(४) वास्तविक का मतलब है - ईमानदारी और पारदर्शिता

अर्थात आपके लेखन में ईमानदारी और पारदर्शिता होनी चाहिए , क्योंकि एक बार झूठ साबित हो जाने पर लोग आपकी सच्चाई पर शक करने लगेंगे और आप अपना पाठक वर्ग खो देंगे । यही है ब्लोगिंग की चौथी प्राथमिकता ।


इसके अतिरिक्त ब्लॉग शिष्टाचार के अंतर्गत आपको भाषा के व्याकरण पर विशेष ध्यान केन्द्रित करना होगा । यह सही है कि ब्लॉग आपका पर्सनल मामला है और इसे किसी भी भाषा में और कैसे भी लिखने के लिए आप स्वतंत्र हैं । फिर भी आप चाहते हैं कि आपकी लेखनी अधिक से अधिक लोग पढ़ें तो भाषा और वर्तनी की शुद्धता पर अवश्य ध्यान देना होगा । व्याकरण एकदम शुद्ध रखने का प्रयास करना होगा । यदि उसमें कोई गलती हो तो संज्ञान में आते ही सुधारने का प्रयास करें । इसके अलावा गलती मानने की प्रवृति अपनाएं , क्योंकि कोई भी हमेशा सही नहीं हो सकता । यदि आपसे जाने-अनजाने में कोई गलती हो जाए तो वजाए तर्क-वितर्क के गलती मान लेनी चाहिए । इससे दूसरों की नज़रों में आपका सम्मान बढेगा । एक और महत्वपूर्ण बात है ब्लोगिंग के सन्दर्भ में कि ब्लॉग पढ़ने के लिए किसी को भी बाध्य न करें , क्योंकि इससे आप अपनी प्रतिष्ठा खो देंगे । एक-दो बार लोग आपका मन रखने के लिए टिप्पणी तो कर देंगे , किन्तु आपके पोस्ट से उनकी दिलचस्पी हट जायेगी । और हाँ कोशिश यह अवश्य करें कि कोई भी टिप्पणी आप अपने नाम से ही करें , क्योंकि लोग आपके विचारों को पहचानते हैं । अपनी पहचान को क्षति न पहुचाएं । स्वयं के प्रति ईमानदार बने रहें । एक और महत्वपूर्ण बात कि लेखन की जिम्मेदारी लेना लेखक की विश्वसनीयता मानी जाती है । कोई हरदम आपकी तारीफ़ नहीं कर सकता , कभी आपको कटाक्ष का दंश भी झेलना पड़ता है ऐसे में कटाक्ष पर शांत रहना सीखें ताकि आप उस आग में जलकर कंचन की भांति और निखर सकें ।

लोग ब्लॉग को भले ही व्यक्तिगत डायरी के रूप में लिखते हैं, किन्तु अंतरजाल पर आ जाने के बाद उसे पूरा विश्व पढ़ता है । इसलिए मैं ब्लॉग को निजी डायरी नहीं मानता । यह वह खुला पन्ना है , जो सारी दुनिया में आपके विचार को विस्तारित करता है । इसलिए जो भी आप लिखें उसे दुबारा जरूर पढ़ें । क्या लिखा है , उसके क्या परिणाम हो सकते हैं इसपर विचार अवश्य करें । ध्यान दें- आपका लिखा हुआ कई सालों बाद सन्दर्भ के लिए लिया जा सकता है ।


और हाँ एक विशेष सूचना परिकल्पना से जुड़े समस्त चिट्ठाकारों के लिए कि हम शीघ्र ही एक ऐसा पन्ना लेकर आ रहे हैं , जिसका नाम होगा : ब्लॉग परिक्रमा । इसके अंतर्गत हम प्रत्येक सप्ताह एक प्रेरक ब्लॉग की परिक्रमा करेंगे अर्थात उसका समग्र विश्लेषण करेंगे और बताएँगे कि क्यों पढ़ा जाए यह ब्लॉग ?

22 comments:

  1. बहुत ही सुन्‍दर एवं प्रेरक है यह पोस्‍ट छोटी-छोटी बातों का ध्‍यान बहुत ही महत्‍व रखता है, आभार ।

    जवाब देंहटाएं
  2. पिछले दिनों सुनने में आया था की ब्लॉग पर भी अब युनिवर्सटी में किसी स्टुडेंट ने इसको अपना रिसर्च का विषय बनाया है ..आपका यह लेख बहुत अच्छे से ब्लॉग को परिभाषित कर रहा है ..ब्लॉग परिक्रमा ...यह भी रोचक रहेगा पढना ..कुछ वक़्त पहले मैंने हिंदी मिडिया ब्लॉग में कई ब्लॉग की समीक्षा की थी ...इसी तरह से ...इन्तजार रहेगा शुक्रिया

    जवाब देंहटाएं
  3. विचार होना अलग बात है, विचारों को दिशा देना एक उपलब्धि है और आपकी बौद्धिक उपलब्धियों को देखकर मुझे बहुत ख़ुशी होती है- हर दिन , हर क्षेत्र में कलम की धार को मजबूती देना सरल नहीं, पर आप बहुत ही सहजता से सबकुछ सामने ले आते हैं ...

    जवाब देंहटाएं
  4. ब्लॉग की बहुत ही सारगर्भित परिभाषा ... विविध विषयों पर आपके विचार, चर्चा आदि बहुत प्रेरक और प्रभावशाली होते है... इस सरहनीय कार्य के लिए आपका बहुत आभार

    जवाब देंहटाएं
  5. सचमुच सार्थक परिभाषा दी है आपने।

    जवाब देंहटाएं
  6. बहुत सार्थक परिभाषा दी है ब्लॉग की ..आपके सभी प्रयास सराहनीय रहे हैं ..आगे भी इंतज़ार है.

    जवाब देंहटाएं
  7. ब्लॉग की सटीक और सार्थक परिभाषा , जानकारी के लिए आभार !

    जवाब देंहटाएं
  8. बहुत सार्थक परिभाषा दी है ब्लॉग की ..

    जवाब देंहटाएं
  9. आप बहुत ही सहजता से सबकुछ सामने ले आते हैं ...अच्छा लगता है आपको पढ़ना !

    जवाब देंहटाएं
  10. ब्लॉग की परिभाषा और और खेल के नियम को हम बड़े ध्यान से सुन रहे थे -और कई मंत्रमुग्ध थे-खुद सत्राध्यक्ष ने आपकी तारीफ की थी !

    जवाब देंहटाएं
  11. ब्‍लॉग का शाब्दिक और सटीक विश्‍लेषण अच्‍छा लगा !!

    जवाब देंहटाएं
  12. नई परिभाषा दी है भईया आपने. गांठ बांध रहे हैं, धन्‍यवाद.

    जवाब देंहटाएं
  13. itne saal se blog jagat me sakriya rahne ke baad aaj yah post dekhi to aise lagaa ki jo paribhaashha aapne di hai vo vakai ek nazariye se ekdam sahi hai, isliye sanjeev tiwari ji se ekdam sehmat...

    जवाब देंहटाएं

  14. जीवन के हर क्षेत्र में प्रायः यह नियम वाँछित हैं ।
    काश कि, दस फ़ीसदी लोग भी इनका अनुपालन कर पाते !

    जवाब देंहटाएं
  15. सारगर्भित उम्दा आलेख. बधाई.

    जवाब देंहटाएं
  16. काफी कुछ सीखने को मिला आज इस पोस्ट से.. परिक्रमा का विचार भी बहुत उत्तम है... आभार..

    जवाब देंहटाएं
  17. हमने सैद्धान्तिक रूप से ब्‍लाग की व्‍याख्‍या नहीं पढ़ी थी लेकिन प्रायोंगिक रूप से हम काफी कुछ सही कर रहे थे लेकिन अब सैद्धान्तिक पक्ष जानकर संतुष्टि हुई कि हम लगभग सही मार्ग पर हैं। लगभग इसलिए लिखा कि कोई भी हमारी त्रुटि बता सकता है जो हमें पता नहीं हो। ऐसे ही टिप्‍पणियों के बारे में भी विचार आने चाहिए कि टिप्‍पणी श्रेष्‍ठ कैसे बने? बहुत प्रेरक और व्‍यावहारिक आलेख, आभार।

    जवाब देंहटाएं
  18. बहुत ही सही व्याख्या की है आपने ब्लॉग शब्द की ... नए प्रयास के लिए अभी से शुभकामनायें !!

    जवाब देंहटाएं
  19. अपकी व्याख्या बहुत अच्छी है शायद मैं तीसरे पहलू मे कुछ कमजोर हूँ लेकिन उसे भी पार कर लूँगी । परिक्रमा ब्लाग लगता है बहुत रुछिकर रहेगा। आपकी कर्म्निषठा को बार बार सलाम करने को जी चाहता है साहित्य के प्रति आपका समर्पण वन्दनीय और अनुकरणीय है।रवीन्द्र जी बहुत बहुत बधाई और शुभकामनायें।
    मुझे तो अभी भी कई बार यकीन नही आता कि मैं आप जैसे प्रबुद्ध लोगों के बीच हूँ। बस इसी बात को अपनी उपलब्धी मानती हूँ वर्ना मेरी क्या विसात थी। धन्यवाद।

    जवाब देंहटाएं
  20. ब्लाग लेखन के कई पहलुओ को छूता सशक्त आलेख |
    आभार

    जवाब देंहटाएं
  21. लेख बहुत ही बढ़िया लिखा गया है....और एक नयी ब्लॉगर होने के नाते ये मेरे बहुत काम आया....बहुत बहुत धन्यवाद ..... आगे भी ब्लॉग पर ऐसे ही बढ़िया लेख पढने को मिलेंगे....उम्मीद करती हूँ......

    जवाब देंहटाएं

आपका स्नेह और प्रस्तुतियों पर आपकी समालोचनात्मक टिप्पणियाँ हमें बेहतर कार्य करने की प्रेरणा प्रदान करती हैं.

 
Top