परिकल्पना पर ब्लॉग विश्लेषण लगातार जारी है, किन्तु इस ब्लॉग विश्लेषण को अल्प विराम देकर खटीमा ब्लोगर मीट की बात करना मैं इसलिए प्रासंगिक समझ रहा हूँ कि यदि इन बातों को परिकल्पना पर स्थान नहीं दिया गया तो आने वाले दिनों में हिंदी ब्लोगिंग की इस महत्वपूर्ण घटना को एक जगह समेटना शायद मेरे लिए जोखिम भरा काम हो जाए, इसलिए ब्लॉग विश्लेषण से जुड़े हुए पाठकगण क्षमा करें !

!! परिकल्पना के ५०० पोस्ट पूरे हुए और परिकल्पना समूह के ........१५०० से ज्यादा  !! 

सबसे पहले परिकल्पना के पाठकों/शुभचिंतकों हेतु एक खुशखबरी, आज की यह  ऐतिहासिक पोस्ट परिकल्पना की ५०१ वी पोस्ट है, जिसमें केवल इस वर्ष ३५१ पोस्ट प्रकाशित हुए हैं ! यदि परिकल्पना समूह की बात की जाए तो केवल इस वर्ष १२६२ पोस्ट प्रकाशित हुए हैं ! है न एक बड़ी उपलब्धि ?
ये जो स्नेप शोट देख रहे हैं वह वर्ष-२००७ का है ..........!
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खटीमा ब्लोगर मीट-२०११ को क्यों याद किया जाएगा ,इस विषय पर मंथन करने के उपरांत हम जिस नतीजे पर पहुंचे हैं ,उसमें से कुछ महत्वपूर्ण पहलू है -

रविवार ९ जनवरी २०११ का दिन हिंदी ब्लोगिंग के सम्मेलनीय इतिहास में स्वर्णिम अक्षरों में दर्ज हो गया है। इस दिन खटीमा (उत्तराखंड)में हिंदी ब्लोगरों के सम्मलेन का जीवंत प्रसारण इंटरनेट के जरिए पूरे विश्व में सफलतापूर्वक विभिन्न एग्रीगेटर्स, खासकर ब्लॉगप्रहरी (दिल्ली), सोशल नेटवर्किंग साइट फेसबुक,ट्विटर, गूगल-बज्ज आदि के जरिये किया गया।

हिंदी ब्लोगिंग के सम्मेलनीय स्वरुप को पूरी दुनिया में सकारात्मकता के साथ जीबंत प्रसारित करने वाले चर्चित ब्लॉ्ग नुक्कड़ के मॉडरेटर ,साहित्यकार,व्यंग्यकार अविनाश वाचस्पति ने जबलपुर के वहुचर्चित ब्लोगर गिरीश बिल्लोरे ‘मुकुल’ तथा प्द्मावली ब्लॉग के संचालक पद्म सिंह के साथ मिलकर इन स्वर्णिम पलों को पूरे विश्व में प्रसारित करके ऐतिहासिक बना दिया । हिंदी ब्लॉगिंग विधा के चितेरे करोड़ों दर्शकों ने लगातार ६ घंटे तक इस जीवंत प्रसारण का भरपूर आनंद लिया और इस महत्वपूर्ण पलों के साक्षी बनी पूरी दुनिया ।



यह ब्लोगर मीट इक्कीसवीं सदी के दूसरे दशक और हिंदी ब्लोगिंग के आठवें वर्ष में प्रवेश का पहला ब्लोगर मीट है, जो उत्तराखंड के एक छोटे से कस्बे खटीमा में आयोजित हुआ !

पहली बार किसी ब्लोगर मीट में दो पुस्तकों क्रमश: सुख का सूरज और नन्हे सुमन के साथ-साथ तीन पत्रिकाओं का भी लोकार्पण हुआ और एक साथ लगभग पांच दर्जन के आसपास ब्लोगर्स और साहित्यकारों की सम्मिलित उपस्थिति हुई !

पहली बार बही किसी ब्लोगर मीट में सुर-सरस्वती और संस्कृति की त्रिवेणी !

पहली बार किसी ब्लोगर मीट में सामूहिक रूप से दो दर्जन साहित्यकारों ने स्वयं अपने ब्लॉग बनाने और उसके माध्यम से हिंदी भाषा और साहित्य की सेवा करने का संकल्प लिया !


इस ब्लोगर मीट में हिमाचल प्रदेश, दिल्ली, बिहार, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड से एक साथ कई महत्वपूर्ण ब्लोगर उपस्थित हुए और इस मिलन को यादगार बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभायी ...........पहली बार बिना किसी संस्थागत सहयोग के ऐसी व्यापक संगोष्ठी को मूर्तरूप दिया गया एक ऐसे ब्लोगर के द्वारा जिन्होंने वर्ष -२००८ तथा वर्ष-२००९ में सर्वाधिक व्यक्तिगत पोस्ट लिखने का कीर्तिमान बनाया है,नाम है डा0 रूप चन्द्र शास्त्री मयंक !

इस ब्लोगर मीट में पहली बार ब्लॉग के माध्यम से हिंदी भाषा और साहित्य के व्यापक विकास का संकल्प लिया गया ब्लोगरों के द्वारा सामूहिक रूप से !


इस कार्यक्रम में लगभग एक दर्जन ब्लोगरों को साहित्य शारदा मंच की ओर से ब्लॉग श्री और चार साहित्यकारों को साहित्य श्री का सम्मान प्रदान किया गया !

ब्लोगरों ने इस मीट में यह महसूस किया कि तुलनात्मक रूप से भले ही हिन्दी ब्लॉग का विस्तार काफी कम है किन्तु हिन्दी ब्लॉगों पर एक से एक एक्सक्लूसिव चीजे प्रस्तुत की जा रही हैं और ऐसी उम्मीद की जा रही है कि आने वाले समय में हिन्दी ब्लॉगिंग का विस्तार काफी व्यापक होगा। इस  अवसर  पर एडवोकेट रणधीर सिंह सुमन के विचार अत्यंत सारगर्भित लगे ! 

इस मीट में यह भी महसूस किया गया कि "धीरे-धीरे ब्लॉगिंग समान्तर मीडिया का रूप लेता जा रहा है और आने वाले समय में यह आशा की जा रही है कि ब्लॉगिंग के माध्यम से हिन्दी काफी समृद्ध होगी।"
आठ जनवरी की काव्यसंध्या और नौ जनवरी को सुबह ११ बजे से सायं पांच बजे तक चले इस कार्यक्रम के जीबंत प्रसारण के महत्वपूर्ण उत्तरदायित्व को निभाने वाले गिरीश बिल्लोरे मुकुल ने प्रसारण के दौरान अपने सभी जरूरी कार्य संघनक कक्ष में बैठकर ही निपटाए !

Chirag JainMy Photoमेरा फोटोइस ब्लोगर मीट में एक ऐसे शोधार्थी धर्मशाला (हिमाचल प्रदेश) के केवल राम का आगमन हुआ, जो हिंदी ब्लोगिंग पर पी. एच. डी. अथवा रिसर्च  कर रहे हैं !  केवल राम जी की प्रतिभा और सुकोमल व्यक्तित्व का आकर्षण लगातार कार्यक्रम के दौरान बना रहा ! उल्लेखनीय  है कि मेरी जानकारी में अबतक पांच   शोधार्थी क्रमश: सुश्री गायत्री शर्मा (इंदौर ), श्री केवल राम (धर्मशाला ) , अनिल अत्री (दिल्ली), चिराग जैन (दिल्ली) और सुश्री रिया नागपाल (दिल्ली) हैं, जिनमें से गायत्री और केवल से मैं क्रमश: वर्धा और खटीमा ब्लोगर मीट में मिल चुका हूँ ! अविनाश वाचस्पति जी के अनुसार "रिया नागपाल ने रिसर्च पेपर तैयार करके सबमिट कर दिए हैं। उनके मॉस मीडिया के पाठ्यक्रम में उन्‍होंने अपना रिसर्च हिन्‍दी ब्‍लॉगिंग पर किया है।"  इन सभी के शोध-प्रवंध आने वाले समय में हिंदी ब्लोगिंग को एक नयी दिशा देने में समर्थ होगा, ऐसा मेरा विश्वास है !


पहली बार किसी ब्लोगर मीट में एक ऐसे नवोदित ब्लोगर की उपस्थिति हुई जिन्हें ब्लॉगजगत के कई वरिष्ठ ब्लोगरों और उनके अनुयायियों ( मनोज जी के अनुसार अनूप शुक्ल, सतीश सक्सेना आदि ) ने बेनामी होने का भ्रम पाल रखा  था, मंगलायतन ब्लॉग के संचालक और बेत्तिया बिहार निवासी मनोज कुमार पाण्डेय इस अवसर पर उपस्थित होकर उन वरिष्ठ ब्लोगरों के भ्रम को तोड़ा और सार्वजनिक रूप से कहा कि ब्लॉगजगत के बड़े भैया मुझे बेनामी समझने की भूल न कीजिये !

और अब कुछ व्यक्तिगत एहसास, जो मैंने महसूस किये -

मैंने कतिपय काव्य मंचों में शिरकत किये,कई व्याख्यानों में हिस्सा लिया और कई संगोष्ठियों में महत्वपूर्ण भागीदारी दी किन्तु इस समारोह के सामने मुझे सब फीके लगे ! ब्लोगरों और साहित्यकारों को सम्मानित करने के दौरान मैंने इस समारोह के कुशल संचालक डा० रूप चन्द्र शास्त्री 'मयंक'की आँखों में गज़ब का स्नेह, गज़ब का प्यार और गज़ब का सम्मान देखा !

यह कहकर तो उन्होंने मेरा दिल ही जीत लिया कि "प्रभात जी,सम्मान देने से केवल सम्मान ही नहीं मिलता,अपितु मन को एक  अलग तरह की शीतलता भी मिलती है ....!"  मेरे लिए एक व्यक्तिगत एहसास यह भी था कि प्रख्यात साहित्यकार और डाक्टर साहब की दोनों किताबों की प्रकाशक आदरणीया आशा शैली 'हिमाचली' जी के सान्निध्य का सुख मुझे अनायाश ही मिला १६ वर्षों के बाद, उल्लेखनीय है कि  १६ वर्ष पूर्व हिंदी साहित्य सम्मलेन के एक कार्यक्रम में इलाहावाद में मेरी उनसे मुलाक़ात हुई थी !

इस सम्मलेन के बहाने मुझे पहली बार कर्मनाशा ब्लॉग के संचालक और कबाडखाना से जुड़े हिंदी के सक्रिय हस्ताक्षर डा. सिद्धेश्वर सिंह जी , राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित बाल साहित्यकार रावेन्द्र कुमार रवि जी ,हंसते रहो ब्लॉग के संचालक दिल्ली निवासी राजीव तनेजा जी ,प्द्मावली ब्लॉग के संचालक गाजियावाद निवासी पद्म सिंह जी , चौखट ब्लॉग के संचालक पवन चन्दन जी, केवल राम जी  आदि सुधि जनों से मिलने का सुयोग प्राप्त हुआ ! डा.सिद्धेश्वर सिंह के बारे में   मैंने जितना सुना था उससे कहीं ज्यादा प्रतिभाशाली व्यक्तित्व के रूप में उन्हें महसूस किया, उनका मित्रवत स्नेह मुझे सर्वथा आकर्षित करता रहा !

सुमनजी और मनोज कुमार पाण्डेय जी के साथ महेंद्र नगर की यात्रा सुखद रही, इसमें सहयोग करने हेतु आदरणीय डा. रूप चन्द्र शास्त्री मयंक जी की जीतनी भी प्रशंसा की जाए कम होगी ! विगत वर्ष महात्मा गांधी अन्तराष्ट्रीय विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित वर्धा की वहुचर्चित ब्लोगर  संगोष्ठी के पश्चात लगभग सात महीने बाद मैं मिला था श्री अविनाश वाचस्पति जी से, किन्तु मिलने की गर्मजोशी  विल्कुल पहले ही जैसे  थी ! मुझे महसूस ही नहीं हुआ कि मैं उनसे सात महीनों बाद मिल रहा हूँ !

इस अवसर पर डाक्टर साहब के ९० वर्षीय पूज्यपिताश्री घासीराम आर्य एवं माताश्री श्यामवती देवी का आशीर्वचन पाकर मैं कृतार्थ हुआ !



खटीमा के कार्यक्रम में ब्लोगरों के अलावा जिनके विचार मिझे सारगर्भित लगे उनके नाम है -श्री सगीर अशरफ, आनन्दगोपाल सिंह बिष्ट, श्रीमती जमीला अशरफ,कवि शिवशंकर यजुर्वेदी,बरेली,शायर नबी अहमद मंसूरी,श्री सतीश कुमार फिल्मप्रभाग तथा पन्तनगर विश्वविद्यालय,डॉ.इन्द्रराम (पूर्व प्राचार्य-स्नातकोत्तर महाविद्यालय, काशीपुर)



और अंत में मैं सिर्फ यही कहूंगा कि आभार आदरणीय डा० रूप चन्द्र शास्त्री जी,आपके सद्प्रयास से इस ऐतिहासिक क्षण का साक्षी बनने का अवसर मिला हम ब्लोगरों को.....!





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हाँ , एक और बात जिसपर मेरी निगाह नहीं
गयी,किन्तु शिवम् मिश्र जी ने याद दिलाया -




"रवीन्द्र भाई ! एक और बात है जो शायद की पहली बार हुयी है ... पर पता नहीं कैसे आप की परखी निगाह से रह गई ... इस ब्लॉग जगत में जहाँ कुछ लोग केवल दुसरे लोगो के बीच मत भेद और मन भेद पैदा कर अपना फायेदा करने की सोचते है वहाँ २ अलग अलग चर्चा मंचो से जुड़े हुए २ समर्पित ब्लॉगर ने यह साबित कर दिया कि भले ही हमारे मंच अलग अलग है पर लगन एक ही है ... हिंदी की सेवा !

डा० रूप चन्द्र शास्त्री जी और गिरीश बिल्लोरे मुकुल जी दोनों अलग अलग चर्चा मंचो का संचालन करते है पर इस ब्लॉगर मिलन के लिए एक जुट हो इन दोनों ने ही एक नयी मिसाल कायम की है ! इन को साधुवाद !"





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 खटीमा ब्लोगर मीट से संवंधित महत्वपूर्ण छवियों का कोलाज़
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44 comments:

  1. मैं टिप्‍पणी करने बाद में आऊंगा।

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  2. "इस ब्लोगर मीट में पहली बार ब्लॉग के माध्यम से हिंदी भाषा और साहित्य के व्यापक विकास का संकल्प लिया गया ब्लोगरों के द्वारा सामूहिक रूप से!"

    यह सबसे महत्वपूर्ण कार्य हुआ!

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  3. निश्चय ही रूपचन्द्र शास्त्री मयंक इस आयोजन को करवाकर सराहनीय और प्रेरक कार्य किये हैं.....उनका बहुत-बहुत आभार और धन्यवाद.....जिन जिन ब्लोगरों ने इसमें भाग लिया उनका भी बहुत-बहुत शुक्रिया ....

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  4. आज सुबह ही मनोज जी के ब्लॉग पर खटीमा ब्लोगेर मीट की जानकारी पढने को मिली...उन्होंने बहुत अच्छे से ब्लॉग जगत के बारे में लिखा है...आप की पोस्ट से सम्मेलन की चित्र मय विस्तृत जानकारी प्राप्त कर अपार हर्ष हुआ...

    नीरज

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  5. एक सद्-प्रयास के लिए रूपचंद मयंक जी को धन्यवाद !!! प्रभात जी इस पोस्ट के माध्यम से खटिमा ब्लॉगर मीट का कार्यवृत्त प्रसारित करने के लिए धन्यवाद !!!

    एक सुंदर वृत्तचित्र !

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  6. खटीमा ब्‍लॉगर मीट के बारे में जानकर खुशी हुई .. शास्‍त्री जी के द्वारा किया गया यह सद्प्रयास ब्‍लॉग जगत में हमेशा याद रखा जाएगा .. हिंदी के विकास के लिए ऐसे और आयोजन किए जाने की आवश्‍यकता है !!

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  7. शब्दों के जादूगर रवीन्द्र प्रभात के बारे में जितना सुनता और पढ़ता जा रहा हूँ उतनी ही नई-नई जानकारियाँ सामने आ रहीं है!
    एक समीक्षक की दृष्टि से आपने बहुत सुन्दर फीचर प्रस्तुत किया है!

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  8. सफल आयोजन के लिए बधाई। सीधा प्रसारण कुछ देर के लिए हमने भी देखा था। पर फिर इंटरनेट कनेक्‍शन की समस्‍या के कारण मोह छोड़ना पड़ा।

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  9. यह एक अविस्मरणीय क्षण था, ब्लॉगजगत के इतिहास में, मुझे कोई संदेह नहीं।
    कल मनोज जी का आलेख पढा था, तभी लगा कि वहां सिर्फ़ इधर-उधर की बातें नहीं, कुछ विशेष हुआ है, जो ब्लॉगजगत की दिशादशा तय करने में अहम साबित होगा।
    आपने आज और भी कई महत्त्वपूर्ण जानकारी दी।
    शास्त्री जी जो अकेले दम पर ब्लॉगजगत के कई बोझ को लादे चल रहे हैं, उन्हें हमारा सहयोग मिलता रहे तो वे एक अच्छी दिशा देंगे, इसमें कोई शक नहीं है।

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  10. ब्लॉग्गिंग के लिए समर्पित और निरंतर संलग्न महा ब्लोगरों को मेरा नमन. हमारी हिंदी ब्लोगिंग अपनी पताका विश्व के पटल पर लहराने लगी है और ये निरंतर इसी तरह प्रगति के पथ पर चलती हुई एक विशाल परिवार का निर्माण कर रही है. इसके लिए मेरी हार्दिक शुभकामनाएं .

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  11. रविन्द्र भाई, एक और बात है जो शायद की पहली बार हुयी है ... पर पता नहीं कैसे आप की परखी निगाह से रह गई ... इस ब्लॉग जगत में जहाँ कुछ लोग केवल दुसरे लोगो के बीच मत भेद और मन भेद पैदा कर अपना फायेदा करने की सोचते है वहाँ २ अलग अलग चर्चा मंचो से जुड़े हुए २ समर्पित ब्लॉगर ने यह साबित कर दिया कि भले ही हमारे मंच अलग अलग है पर लगन एक ही है ... हिंदी की सेवा !

    डा० रूप चन्द्र शास्त्री जी और गिरीश बिल्लोरे मुकुल जी दोनों अलग अलग चर्चा मंचो का संचालन करते है पर इस ब्लॉगर मिलन के लिए एक जुट हो इन दोनों ने ही एक नयी मिसाल कायम की है ! इन को साधुवाद !

    आपके माध्यम से मैं सब को इस ब्लॉगर मिलन की बहुत बहुत हार्दिक बधाइयाँ देता हूँ ! आपका बहुत बहुत आभार !

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  12. निश्चित रूप से खटीमा ब्लागर मिलन हिन्दी ब्लागीरी में एक मील का पत्थर साबित होगा।

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  13. इस ऐतिहासिक आयोजन का आपके द्वारा प्रस्तुत सारगर्भित आंखों देखा हाल अच्छा लगा ।

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  14. निश्चित रूप से खटीमा ब्लागर मिलन हिन्दी ब्लागीरी में एक मील का पत्थर साबित होगा।

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  15. विस्तृत जानकारी प्राप्त कर अपार हर्ष हुआ...

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  16. जिन जिन ब्लोगरों ने इसमें भाग लिया उनका भी बहुत-बहुत शुक्रिया ....

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  17. बेशक खटीमा सम्मलेन एक उपलब्धि है हिंदी ब्लोगिंग के लिए । इसके लिए शास्त्री जी पूर्णतया बधाई के पात्र हैं ।
    उम्दा प्रस्तुति के लिए आभार ।

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  18. bahut hi sundar vishleshan... khatima ka blog meet sach kai mayne men mil ka patthar sabit hua hai..... .

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  19. शास्त्री जी पूर्णतया बधाई के पात्र हैं.. सफल आयोजन के लिए बधाई...

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  20. सारगर्भित रिपोर्ट पेश करने के लिए बहुत-बहुत बधाई...
    आपसे मिलाकर बहुत अच्छा लगा...
    ऐसे कार्यक्रम लगातार होते रहने चाहिए

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  21. बहुत बढ़िया!

    एक साथ इतने भले लोगों का साथ पाकर भला लगा! आप और बाकी साथी बहुत सक्रिय और मेधावी लोग हैं। आप सब से मित्रता से एक नई राह खुलेगी इस स्लॉगर के लिए!
    एक बाद और-

    'वंदना के इन स्वरों में एक स्वर मेरा मिला दो!'

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  22. डा० रूप चन्द्र शास्त्री जी और गिरीश बिल्लोरे मुकुल जी ........एक नयी मिसाल कायम की है ! इन को साधुवाद !
    सही कहा शिवम जी
    "बुल्ले की ज़ाणा मैं कौन ?"

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  23. खटीमा मीट के दौरान कई व्यक्तित्व ऐसे थे जिनका सानिध्य सौभाग्य से कम नहीं है... जिनमे रवीन्द्र प्रभात जी, आशा शैली जी,बिष्ट जी,प्रसून जी आदि का नाम प्रमुखता से लिया जा सकता है. रवीन्द्र जी का व्यक्तित्व और उनका अंदाज़े बयाँ अद्भुद है.. इस पोस्ट में उनके वक्तव्य का उल्लेख किया जाना आवश्यक था.
    हम ऐसे महानुभावों से साक्षात मिल कर गदगद हैं.
    खटीमा में आप सब से मिलना अविस्मरणीय है.
    रवीन्द्र जी के साथ कुछ और समय बिताने की ललक शेष राह गयी है अभी ... शुभकामनाएँ

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  24. बहुत अच्छी रिपोर्ट ....शास्त्री जी को बधाई

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  25. ५०१ वीं पोस्ट के लिए बधाइयाँ !!

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  26. इस बेहतरीन आयोजन के लिये शास्‍त्री जी को बधाई एवं सचित्र प्रस्‍तुति के लिये आपका आभार ।

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  27. अविनाश जी , आपने कहा की मैं टिपण्णी करने बाद में आऊँगा , मैं तो इस महत्वपूर्ण आलेख पर आपकी पहली उपस्थिति को ही श्री गणेश मान रहा हूँ , अच्छा लगा आपका यह अंदाज़ ! नीरज जी , मनोज जी का पोस्ट ब्लगर मीत के बाद की एक महत्वपूर्ण घटना है जो ब्लोगर मीट के प्रभामंडल से आबद्ध है, बहुत प्रतिभाशाली व्यक्ति है मनोज जी, उन्होंने अनजाने में बातों का सिलसिला शुरू किया और मेरे सारे वक्तव्यों को जोड़कर एक साक्षात्कार का रूप दे दिया ! आदरणीय शास्त्री जी , आभार तो हमें व्यक्त करना चाहिए आपका, जो आपने इस वृहद् मंच पर मुझे विषय प्रवर्तक के रूप में आमंत्रित कर कृतार्थ किया है, आपकी विनम्रता और सहृदयता का मैं कायल हूँ , सुखद रहा आपसे मिलना ! मनोज जी, सचमुच यह एक अविस्मरणीय क्षण था, ब्लॉगजगत के इतिहास में, मुझे कोई संदेह नहीं। रेखा जी आपने सही कहा -हमारी हिंदी ब्लोगिंग अपनी पताका विश्व के पटल पर लहराने लगी है और ये निरंतर इसी तरह प्रगति के पथ पर चलती हुई एक विशाल परिवार का निर्माण कर रही है......यही सच है ! सुमन जी, आपके nice कहने का अंदाज़ मुझे बहुत पसंद आया ! सिद्धेश्वर जी, मुझे भी आपका साथ पाकर भला लगा!

    पद्म जी, मिलन के प्यास मेरी भी बची रह गयी, सुयोग बना तो अवश्य मुलाक़ात होगी !

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  28. nisandeh ye milan aitihasik hai.....
    so, sahaj hi parikalpana ise sahej rahi hai....

    @ m.k pandey ... sirji apne profile
    me 'parikalpana pe aye chitra' dal
    den...ye ek pathak ki iltiza hai..

    pranam.

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  29. संजय जी,
    आपके तरफ से पाण्डेय जी से मैं भी निवेदन कर ले रहा हूँ कि अपने प्रोफाईल में यह चित्र जोड़ दें !

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  30. खटीमा ब्‍लॉगर मीट के बारे में जानकर खुशी हुई शास्‍त्री जी का प्रयास सराहनीय है .

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  31. एक वेहतर साहित्यिक भविष्य की परिकल्पना !

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  32. श्री रविन्द्र प्रभातजी सा, नमस्कार....
    वार्षिक हिंदी ब्लॉग विश्लेषण-२०१० के लिये आपके द्रारा प्रस्तुत जानकारियों के सन्दर्भ में एक और जानकारी आपके ध्यान में लाना चाहता हूँ-

    मेरे बलाग 'नजरिया' जिसकी शुरुआत 27 नवम्बर 2010 को हुई, इसके साथ सिर्फ 45 दिनों में ही 51 फालोअर्स जुडे जो शायद इस बारे में अब तक का नया रेकार्ड हो सकता है ।

    इस ब्लाग के 27 नवम्बर 10 के प्रारम्भिक लेख "अब इसके बाद क्या ? और कैसे ?" के साथ ही 11 जनवरी 2011 के लेख "ब्लाग-जगत की ये विकास यात्रा" की लिंक मैं नीचे दे रह हूँ । कृपया इसे देखकर आप अपने ध्यान में अवश्य लावें । धन्यवाद सहित...
    http://najariya.blogspot.com/2010/11/blog-post.html
    http://najariya.blogspot.com/2011/01/blog-post_11.html

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  33. रिपोर्ट तो विहंगम है ही, यह जानकर और भी प्रसन्नता हुई कि आज साहित्यकार भी ब्लागिंग की ओर आ रहे हैं. यह साहित्य के लिए भी एक शुभ संकेत है.

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  34. आज आपकी यह वृस्तित रिपोर्ट पुनः डॉ रूपचन्द्र शास्त्री जी के जन्मदिवस के शुभावसर पर चर्चामंच पर है...धन्यवाद .. http://charchamanch.blogspot.com

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