जी हाँ, ऐसी ही  एक पहल की जानकारी दे रहे हैं लोकसंघर्ष वाले सुमन जी ......लीजिये आप भी पढ़िए : 

हर ब्लॉगर की अपनी एक अलग पहचान है, कोई साहित्यकार है तो कोई पत्रकार, कोई समाजसेवी है तो कोई संस्कृतिकर्मी , कोई कार्टूनिस्ट है तो कोई कलाकार । हर ब्लॉगर के सोचने का अपना एक अलग अंदाज़ है, एक अलग ढंग है प्रस्तुत करने का । अलग-अलग नियम है, अलग-अलग चलन किन्तु फिर भी एक सद्भाव है जो आपस में सभी को जोड़ता है । नि:संदेह इसकी जड़ों में सहिष्णुता की भारतीय मर्यादा है, जो हमें सद्भावना की शिक्षा देती है । इन्हीं उद्देश्यों के दृष्टिगत.......




 
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