मणेन्द्र मिश्रा ‘मशाल’
उत्तर प्रदेश की वर्तमान अखिलेश सरकार की प्राथमिकता सूची में प्रवासी भारतीयों/भारतीय मूल के विदेशों में रह रहे लोग विशेष महत्व रख रहे हैं। उत्तर प्रदेश में पहली बार आयोजित हो रहे इस आयोजन में सोलह एनआरआई को उत्तर प्रदेश रत्न से सम्मानित किया जा रहा है। सूबे से जुड़े विदेशो में रह रहे प्रवासियों की महत्ता को ध्यान में रखकर यूपी सरकार ने पिछले 30 नवम्बर 2014 को प्रवासी भारतीयों की सुविधाओं और उनकी समस्याओं को दूर करने के लिए ‘यूपीएनआरआई’ नाम से एक वेबसाइट की शुरुआत किया था।जिससे एक क्लिक के माध्यम से उत्तर प्रदेश से जुड़े प्रवासियों की विशेष सहायता की जा सके। हालांकि इससे पहले भी सरकार द्वारा ‘उद्योग बन्धु’ योजना के तहत विभिन्न भारतीय दूतावासों के माध्यम से उत्तर प्रदेश से जुड़े व्यक्तियों के बारे में पूरी सूचना एकत्रित करने का कार्य जारी हैं। जिससे उन्हें प्रदेश के विकास का अंग बनाया जा सके।

यूपी सरकार के मुखिया अखिलेश यादव पिछले तीन साल के शासनकाल में पाँच देशों की यात्रा के दौरान सूबे की सेहत को ठीक करने के कार्यों के आधार पर प्रदेश के विकास को गति देने का कार्य करते दिखे, जिनमें अमेरिका, नीदरलैंड, जर्मनी और फ्रांस की यात्रा से प्रदेश को हुए लाभ के आधार पर समझा जा सकता है। इसके साथ ही राजधानी लखनऊ स्थित अपने सरकारी आवास पर विश्व बिरादरी में स्थापित विभिन्न क्षेत्रों के प्रमुख लोगों से आधिकारिक मुलाकात करते हुए यूपी को वैश्विक जगत में सकारात्मक चर्चाओं का केंद्र बनाने में सफल होते दिखते रहे हैं। प्रमुख देशों और उत्तर प्रदेश के आपसी सम्बन्धों को और अधिक मजबूत करने के लिए ही पर्यटन विभाग द्वारा गत वर्ष फरवरी में पहली बार ट्रेवल मार्ट का आयोजन किया गया। इस आयोजन में 27 देशो के प्रतिनिधियों ने भाग लिया था जिनमें अमेरिका, चीन, इंग्लैंड, आस्ट्रेलिया, जर्मनी जैसे देशों की प्रमुख भूमिका थी। इस कार्यक्रम का मुख्य विषय प्रदेश की ऐतिहासिकता एवं महत्व से जुड़े हेरिटेज आर्क, बौद्ध सर्किट और वाइल्ड लाइफ था, जिसके बहाने सूबे के ऐतिहासिक धरोहरों और अन्य पर्यटकीय स्थलों की सैर के लिए विदेशियों की आवाजाही को बढ़ाया जा सके, जिसका अगला चरण प्रदेश में हो रहे पहले प्रवासी दिवस के माध्यम से समझा जा सकता है।

वर्तमान अखिलेश सरकार में युवा मुख्यमंत्री ने विदेश यात्राओं के माध्यम से सूबे की बेहतरी के लिए जो प्रयास किया, निश्चय ही उसमें प्रदेश के गौरवबोध को बढ़ाने एवं निवेश के माध्यम से विकास और समृद्धि का नया अध्याय सृजन करने की सम्भावना रही है। यूपी में रोजगार सृजन और गरीबी उन्मूलन सरकार के समक्ष प्रमुख चुनौती है, जिसके समाधान हेतु पर्याप्त निवेश की आवश्यकता है। ऐसे में विदेशों में रह रहे यूपी से जुड़े लोग विशेष रूप से लाभदायक हो सकते हैं। अखिलेश यादव की स्पष्ट सोच और नजरिये से यहाँ के परंपरागत लघु एवं कुटीर उद्योगों को उन्नत तकनीकी से जोड़कर प्रदेश को खुशहाली के रास्ते पर लाने के लिए प्रवासी भारतीयों का सहयोग कारगर उपाय के रूप में उज्जवल भविष्य की उम्मीद पैदा करती है।

पिछले गणतंत्र दिवस के राजकीय अतिथि रहे अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा का आगरा स्थित ताजमहल को न देख पाने की कसक के स्वीकारोक्ति ने वैश्विक स्तर पर यूपी को ख़बरों में ला दिया था। पर्यटन के लिहाज से सूबे में आगरा एक अलग स्थान रखता है। इस क्रम में सरकार द्वारा समय-समय पर आगरा को प्रोत्साहित करने की नीति का बड़ा असर हो रहा है। पिछले दो वर्षों से यहाँ आयोजित हो रहे आयोजनों की भव्यता बढ़ गयी है। निवेशक मीट, कार रेसिंग प्रतियोगिता, पशु मेला, आगरा महोत्सव सहित वैलेंटाइन डे के अवसर पर मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और उनकी सांसद पत्नी डिंपल यादव द्वारा लवर्स सीट की स्थापना ने आगरा की चर्चा को बड़ा मंच प्रदान किया है। एक बार फिर आगरा में आयोजित हो रहे दो दिवसीय आयोजन ने सूबे की बेहतर छवि को विदेशो में रह रहे अपनों को अपने बीच लाकर इसमें सहयोगी बनाना बड़े महत्व का कार्य है।

प्रदेश में पहला प्रवासी दिवस मनाने के पूर्व गत 21 दिसंबर 2014 को “स्वदेश (सिलिकॉन वैली एंड अवधस डेवलपमेंट फॉर इंटरप्रीन्युरियल सर्विसेस फॉर ह्यूमैनिटी)” योजना शुरू की गयी है। जिसके लिए कौशल विकास और स्वास्थ्य सेवा से जुड़ी सिलिकॉन वैली कंपनी ने उत्तर प्रदेश सरकार के साथ एक एमओयू पर हस्ताक्षर किया।‘स्वदेश’ के माध्यम से रोजगार और स्वास्थ्य जैसी बुनियादी जरूरतों में भारी निवेश की शुरुआत हो चुकी है, जिसका लाभ सूबे में होने वाले विकास कार्यों में प्रमुखता से देखने को मिल रहा है। विकास से इतर सांस्कृतिक महत्ता को देखते हुए यूपी से जुड़े भोजपुरी मूल के प्रवासियों को जोड़ने के लिए मारीशस में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय भोजपुरी सम्मेलन में मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने विधानसभा अध्यक्ष माता प्रसाद पाण्डेय और कैबिनेट मंत्री अम्बिका चौधरी के नेतृत्व में एक शिष्टमंडल भेजा था। साथ ही आयोजन की सफलता के लिये अपेक्षित सहयोग भी उपलब्ध कराया था। पिछले तीन वर्षों से अधिक के कार्यकाल में महाकुम्भ सहित अनेक महत्वपूर्ण आयोजनों के माध्यम से लगातार प्रदेश से जुड़े प्रवासी भारतीयों को लगातार जोड़ा जा रहा है और उन्हें यहाँ के विकास में महत्वपूर्ण साझीदार भी बनाया जा रहा हैं।

उत्तर प्रदेश देश का सबसे बड़ा सूबा है। विदेशों में रह रहे अधिकांश भारतीयों का एक बड़ा वर्ग यहीं से आता है। मारीशस, सूरीनाम, फिजी, गुयाना सहित अन्यानेक देशों में यहाँ के भारतवंशी पूरी तरह सरकार भी चला रहे हैं। इसके अतिरिक्त पर्यटन की दृष्टि से भी उत्तर प्रदेश सभी प्रवासी भारतीयों के हृदय में महत्वपूर्ण स्थान रखता है। ऐतिहासिक, सांस्कृतिक, धार्मिक सहित मानव सभ्यता के तमाम आयामों से जुड़े स्थलों का केंद्र होने के कारण भारतवंसियों को हमेशा उत्तर प्रदेश आकर्षित करता हैं। आगरा, फतेहपुर सीकरी, बनारस, सारनाथ, इलाहाबाद, मथुरा जैसे स्थलों की विविधता और प्रवासियों से जुड़ी महत्ता को कत्तई नाकारा नही जा सकता। ऐसे में उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा सूबे के विकास में प्रवासी भारतीयों को शामिल किये जाने के लिए पहला प्रवासी दिवस शुरू किया जाना स्वागतयोग्य कदम है।

(मणेन्द्र मिश्रा ‘मशाल’- लेखक उत्तर प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष माता प्रसाद पाण्डेय के मीडिया प्रभारी हैं।)

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