tag:blogger.com,1999:blog-507131588328031600.post1411904310718351511..comments2024-03-27T23:49:38.899+05:30Comments on परिकल्पना: फटी लंगोटी झोपड़पट्टी है लेकिन , जीवन का उल्लास हमारे पास मियाँ !रवीन्द्र प्रभातhttp://www.blogger.com/profile/11471859655099784046noreply@blogger.comBlogger9125tag:blogger.com,1999:blog-507131588328031600.post-56200471951974216282007-11-27T09:32:00.000+05:302007-11-27T09:32:00.000+05:30व्यंज़ल नुमा ग़ज़ल बेहतरीन है मियाँइसी तेवर के ग़ज...व्यंज़ल नुमा ग़ज़ल बेहतरीन है मियाँ<BR/>इसी तेवर के ग़ज़ल और कहेंगे मियाँरवि रतलामीhttps://www.blogger.com/profile/07878583588296216848noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-507131588328031600.post-20088087939304418842007-11-07T20:58:00.000+05:302007-11-07T20:58:00.000+05:30प्रिय रवीन्द्र जी,एक बार फिर वेहद सुंदर और सामयिक ...प्रिय रवीन्द्र जी,<BR/>एक बार फिर वेहद सुंदर और सामयिक प्रस्तुति हेतु बधाईयाँ!बहुत अच्छा है हुज़ूर. पते की बात कह गए आप.Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-507131588328031600.post-56119659457785304392007-11-07T12:25:00.000+05:302007-11-07T12:25:00.000+05:30गजल अच्छी है. आपने जग के साथ साथ अपना भी परिचय दिय...गजल अच्छी है. आपने जग के साथ साथ अपना भी परिचय दिया है. आपकी देशभक्ति की भावना उभर कर सामने आ गई है.बसंत आर्यhttps://www.blogger.com/profile/15804411384177085225noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-507131588328031600.post-13905356193373672712007-11-06T21:49:00.000+05:302007-11-06T21:49:00.000+05:30आपकी गजल की प्रस्तुति दिल को छू गयी.दीपक भारतदीपआपकी गजल की प्रस्तुति दिल को छू गयी.<BR/>दीपक भारतदीपdpkrajhttps://www.blogger.com/profile/11143597361838609566noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-507131588328031600.post-78727685763292119122007-11-06T21:08:00.000+05:302007-11-06T21:08:00.000+05:30मुशर्रफ तो अपने खुद के बन्दी हैं। हम भी किसी के प्...मुशर्रफ तो अपने खुद के बन्दी हैं। हम भी किसी के प्रति आसक्त हो जायें तो हम भी वैसे ही हो जायेंगे।Gyan Dutt Pandeyhttps://www.blogger.com/profile/05293412290435900116noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-507131588328031600.post-55203230246523822302007-11-06T13:25:00.001+05:302007-11-06T13:25:00.001+05:30मेरे भीतर गांधी भी है और भगत भी -विश्मिल - वीर सुभ...मेरे भीतर गांधी भी है और भगत भी -<BR/>विश्मिल - वीर सुभाष हमारे पास मियाँ !!<BR/><BR/>वाह रविन्द्र भाई अति उत्तम. मज़ा आ गया. लिखा आपने एकदम सही है. वक्त आने पर दिखा देंगे. हम क्या है और क्या सकते है. इसकी (पाकिस्तान की ) किस्मत मे पिटना लिखा है और ये पिट के रहेगा.बालकिशनhttps://www.blogger.com/profile/18245891263227015744noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-507131588328031600.post-9113478530767539192007-11-06T13:25:00.000+05:302007-11-06T13:25:00.000+05:30इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.बालकिशनhttps://www.blogger.com/profile/18245891263227015744noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-507131588328031600.post-18729423799218214362007-11-05T23:59:00.000+05:302007-11-05T23:59:00.000+05:30बहुत बढिया गजल है पढ़ कर आंनद आ गया।मेरे भीतर गांधी...बहुत बढिया गजल है पढ़ कर आंनद आ गया।<BR/><BR/>मेरे भीतर गांधी भी है और भगत भी -<BR/>विश्मिल - वीर सुभाष हमारे पास मियाँ !!परमजीत सिहँ बालीhttps://www.blogger.com/profile/01811121663402170102noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-507131588328031600.post-69856133187746430952007-11-05T22:56:00.000+05:302007-11-05T22:56:00.000+05:30बेहतरीन गजल है, रविन्द्र भाई. आनन्द आ गया.घर की मर...बेहतरीन गजल है, रविन्द्र भाई. आनन्द आ गया.<BR/><BR/>घर की मर्यादा खातिर हम सह जाते -<BR/>होता जब बनवास हमारे पास मियाँ !!Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.com