tag:blogger.com,1999:blog-507131588328031600.post2030026542774921716..comments2024-03-27T23:49:38.899+05:30Comments on परिकल्पना: जब बीमार होता है कोई मजदूररवीन्द्र प्रभातhttp://www.blogger.com/profile/11471859655099784046noreply@blogger.comBlogger13125tag:blogger.com,1999:blog-507131588328031600.post-62439606112133135372009-06-17T19:30:26.680+05:302009-06-17T19:30:26.680+05:30दर्द जो उकेरा है
असली है
पर आपका पोस्ट
न लगाना तो...दर्द जो उकेरा है<br />असली है<br />पर आपका पोस्ट<br />न लगाना तो<br />फसली है<br />कहां है आप ...अविनाश वाचस्पतिhttps://www.blogger.com/profile/05081322291051590431noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-507131588328031600.post-49071335471376852522009-06-14T21:30:52.504+05:302009-06-14T21:30:52.504+05:30bahut achchhi rachnabahut achchhi rachnaअनिल कान्तhttps://www.blogger.com/profile/12193317881098358725noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-507131588328031600.post-69847495600467892092009-05-18T20:19:00.000+05:302009-05-18T20:19:00.000+05:30अच्छी रचना! बधाई!अच्छी रचना! बधाई!विवेक भटनागरhttps://www.blogger.com/profile/03464473164110424535noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-507131588328031600.post-58956346101083520982009-05-03T14:57:00.000+05:302009-05-03T14:57:00.000+05:30बहुत ही yathaarh लिखा है..............saty लिखा है...बहुत ही yathaarh लिखा है..............saty लिखा है...........majdoor की kismat में यही लिखा होता है..........ameer आदमी सब कुछ पा letaa है .............लाजवाबदिगम्बर नासवाhttps://www.blogger.com/profile/11793607017463281505noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-507131588328031600.post-68868325997554561012009-05-02T21:31:00.000+05:302009-05-02T21:31:00.000+05:30बहुत बढिया रचना है...बधाई.बहुत बढिया रचना है...बधाई.महेन्द्र मिश्रhttps://www.blogger.com/profile/00466530125214639404noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-507131588328031600.post-37427075976686134442009-05-01T20:10:00.000+05:302009-05-01T20:10:00.000+05:30मई दिवस मुबारक हो जी।मई दिवस मुबारक हो जी।Gyan Dutt Pandeyhttps://www.blogger.com/profile/05293412290435900116noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-507131588328031600.post-87226536227112494942009-05-01T18:14:00.000+05:302009-05-01T18:14:00.000+05:30बहुत बढिया रचना है .. सचमुच यथार्थ को चित्रित किया...बहुत बढिया रचना है .. सचमुच यथार्थ को चित्रित किया है।संगीता पुरी https://www.blogger.com/profile/04508740964075984362noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-507131588328031600.post-72309188206507264812009-05-01T16:52:00.000+05:302009-05-01T16:52:00.000+05:30अर्थ-व्यवस्था की नींब होते हैं मजदूर , किंतु फ़िर भ...अर्थ-व्यवस्था की नींब होते हैं मजदूर , किंतु फ़िर भी -<br /><br />चिंतित नही होते सेठ , जबकि-<br /><br />दोनों बीमार पड़ते हैं <br /><br />एक काम करते हुए तो दूसरा काम न करने के एवज में .....!<br /><br />गहरा चिंतन, सार्थक अभिव्यक्ति .....और सोच अत्यंत प्रखर , बधाईयाँ !गीतेशhttps://www.blogger.com/profile/14766567920202691433noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-507131588328031600.post-34416777647828061782009-05-01T15:00:00.000+05:302009-05-01T15:00:00.000+05:30सही,सार्थक और समसामयिक पोस्ट के लिए एक बार पुन:बधा...सही,सार्थक और समसामयिक पोस्ट के लिए एक बार पुन:बधाईयाँ !malahttps://www.blogger.com/profile/09493715792470271562noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-507131588328031600.post-38989755458151677412009-05-01T14:57:00.000+05:302009-05-01T14:57:00.000+05:30एक आम आदमी का दर्द वयां करती खुबसूरत कविता , जिसमे...एक आम आदमी का दर्द वयां करती खुबसूरत कविता , जिसमें डूबी हुयी संवेदनाओं को महसूस कर पोर-पोर सिहर गया अचानक .....सचमुच बीमार तो सभी होते हैं चाहे वह राजा हो या रंक ....मगर वे ठीक होते हैं अलग-अलग ढंग से .....मजदूरों की दुर्दशा का सही चित्रण किया ही आपने और श्रम दिवस पर प्रस्तुत कर अपनी भावनाओं की सार्थक उपस्थिति दर्ज कराने में आप नि:संदेह सफल हुए हैं .....मेरी आत्मिक बधाईयाँ अच्छी अभिव्यक्ति के लिए ...!पूर्णिमाhttps://www.blogger.com/profile/15739774997781645780noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-507131588328031600.post-62546333241768288312009-05-01T14:55:00.000+05:302009-05-01T14:55:00.000+05:30सच्ची पोस्ट के लिए बधाई!सच्ची पोस्ट के लिए बधाई!दिनेशराय द्विवेदीhttps://www.blogger.com/profile/00350808140545937113noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-507131588328031600.post-21099078874131547722009-05-01T14:36:00.000+05:302009-05-01T14:36:00.000+05:30सही दिन पर सही पोस्ट और दीन लोगो के बारे मे या उनक...सही दिन पर सही पोस्ट और दीन लोगो के बारे मे या उनकी दिनचर्या आदि के बारे कोई पोस्ट नही देखती हूँ,सिर्फ अपने दिल दिमाग से परेशान लोगो की लेखनी से रु ब रु हो पाती हूँ कभी कभी ऐसी रचनाये दिख जाती है! पर ऐसा एक सच, जो समाज का बहुत बडा हिस्सा ऐसे ही जीता है जो पूरी तरह से उपेक्छित जिन्दगी जीते हुये उनकी जिन्दगी समाप्त हो जाती है!<br />आपने बहुत ही मार्मिक सच को दिखाने की एक अच्छी कोशिश करी .........इसके लिये बहुत सारी शुभकामनायेसंध्या आर्यhttps://www.blogger.com/profile/12304171842187862606noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-507131588328031600.post-45720357890172010062009-05-01T14:32:00.000+05:302009-05-01T14:32:00.000+05:30MADURON KE DARD KO BAHOT HI KARINE SE AAPNE SABKE ...MADURON KE DARD KO BAHOT HI KARINE SE AAPNE SABKE SAAMNE RAKHA HAI.. AANKHEN NAM KAR DI AAPNE...<br /><br /><br />ARSH"अर्श"https://www.blogger.com/profile/15590107613659588862noreply@blogger.com