tag:blogger.com,1999:blog-507131588328031600.post2333757038485546658..comments2024-03-27T23:49:38.899+05:30Comments on परिकल्पना: पटाखे फोड़कर क्यूं नोट जलाएं बाबू जी ?रवीन्द्र प्रभातhttp://www.blogger.com/profile/11471859655099784046noreply@blogger.comBlogger11125tag:blogger.com,1999:blog-507131588328031600.post-14086072954892787112010-11-07T20:29:57.796+05:302010-11-07T20:29:57.796+05:30अपने परिवेश में मौजूद अंतर्विरोधों के झंझावातों से...अपने परिवेश में मौजूद अंतर्विरोधों के झंझावातों से जूझते संवेदनशील मन की एक बेहद संवेदनशील और मर्मस्पर्शी प्रस्तुति. आभार.<br />सादर,<br />डोरोथी.Dorothyhttps://www.blogger.com/profile/03405807532345500228noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-507131588328031600.post-16211589163898658932010-11-07T17:09:09.936+05:302010-11-07T17:09:09.936+05:30जहां पर टूटते संबंध प्यालों की तरह-
वहां हम किसकी ...जहां पर टूटते संबंध प्यालों की तरह-<br />वहां हम किसकी रोएं, किसकी गाएं बाबू जी ।<br />satya hai!<br />bahut sundar rachna!!!अनुपमा पाठकhttps://www.blogger.com/profile/09963916203008376590noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-507131588328031600.post-80307587897751415122010-11-07T10:02:53.622+05:302010-11-07T10:02:53.622+05:30वाह , वाह , वाह ! क्या सार्थक बात कही है बिटिया ने...वाह , वाह , वाह ! क्या सार्थक बात कही है बिटिया ने ।<br /><br />काश कि सभी बच्चे ऐसा सोच सकें । बच्चे क्या , यहाँ तो बाप भी नहीं सोचते । <br />बहुत सुन्दर ग़ज़ल बना दी है आपने इस विषय पर । दिल से बधाई ।डॉ टी एस दरालhttps://www.blogger.com/profile/16674553361981740487noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-507131588328031600.post-4401185146100749512010-11-07T00:45:54.035+05:302010-11-07T00:45:54.035+05:30सार्थक अभिव्यक्ति ...दीपावली पर्व की आपको ढेरों म...सार्थक अभिव्यक्ति ...दीपावली पर्व की आपको ढेरों मंगलकामनाएँ डॉ. मोनिका शर्मा https://www.blogger.com/profile/02358462052477907071noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-507131588328031600.post-29438741004680920642010-11-06T23:41:09.340+05:302010-11-06T23:41:09.340+05:30सार्थक, सटीक।सार्थक, सटीक।मनोज कुमारhttps://www.blogger.com/profile/08566976083330111264noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-507131588328031600.post-51023532979745675222010-11-06T16:36:13.013+05:302010-11-06T16:36:13.013+05:30बहुत ही सुन्दर पंक्तियों को समेटे बेहतरीन अभिव्य...बहुत ही सुन्दर पंक्तियों को समेटे बेहतरीन अभिव्यक्ति ।सदाhttps://www.blogger.com/profile/10937633163616873911noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-507131588328031600.post-70771007037179808052010-11-06T15:43:21.988+05:302010-11-06T15:43:21.988+05:30दीपावली की मंगलकामनाएँ!दीपावली की मंगलकामनाएँ!पूर्णिमाhttps://www.blogger.com/profile/15739774997781645780noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-507131588328031600.post-74809849213164216652010-11-06T15:41:27.398+05:302010-11-06T15:41:27.398+05:30दीपावली पर्व की आपको ढेरों मंगलकामनाएँ!दीपावली पर्व की आपको ढेरों मंगलकामनाएँ!malahttps://www.blogger.com/profile/09493715792470271562noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-507131588328031600.post-57738445390803123242010-11-06T15:38:07.116+05:302010-11-06T15:38:07.116+05:30वाह ...बहुत बढ़ियावाह ...बहुत बढ़ियागीतेशhttps://www.blogger.com/profile/14766567920202691433noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-507131588328031600.post-39025048941204510992010-11-06T15:37:11.783+05:302010-11-06T15:37:11.783+05:30यह ग़ज़ल शानदार ही नहीं जानदार भी है, बहुत-बहुत बध...यह ग़ज़ल शानदार ही नहीं जानदार भी है, बहुत-बहुत बधाई एक खुबसूरत ग़ज़ल के लिए !मनोज पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/12404564140663845635noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-507131588328031600.post-17642199075912079052010-11-06T12:00:05.820+05:302010-11-06T12:00:05.820+05:30वाह ...बहुत बढ़िया गज़ल ...वाह ...बहुत बढ़िया गज़ल ...संगीता स्वरुप ( गीत )https://www.blogger.com/profile/18232011429396479154noreply@blogger.com