tag:blogger.com,1999:blog-507131588328031600.post4653497304278609093..comments2024-03-27T23:49:38.899+05:30Comments on परिकल्पना: हम चूमना भी जानते हैं और चटकन लगाना भी !रवीन्द्र प्रभातhttp://www.blogger.com/profile/11471859655099784046noreply@blogger.comBlogger4125tag:blogger.com,1999:blog-507131588328031600.post-44118706353387134402008-01-24T20:23:00.000+05:302008-01-24T20:23:00.000+05:30शीर्षक से लगा जाने क्या लिखा है...लग तो रहा है जैस...शीर्षक से लगा जाने क्या लिखा है...लग तो रहा है जैसे दो शूरवीर-महावीर टकरा रहे है...:)<BR/>अच्छा लगा पढ़कर...इंडिया जीत तो गई थी...मगर आस्ट्रेलिया के दो खिलाड़ी खेले भी नही थे...:)सुनीता शानूhttps://www.blogger.com/profile/11804088581552763781noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-507131588328031600.post-83768317832928058662008-01-20T19:56:00.000+05:302008-01-20T19:56:00.000+05:30बिल्कुक सही फ़रमाया आपने बहुत सटीक टिपण्णी की है आ...बिल्कुक सही फ़रमाया आपने बहुत सटीक टिपण्णी की है आपने ! ईंट का जबाब पत्थर से देने का इससे और वेहतर विकल्प हो ही नही सकता !Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-507131588328031600.post-12872517786790081092008-01-19T23:52:00.000+05:302008-01-19T23:52:00.000+05:30अभी अभी अपने एक मित्र से फोन पर बात करके नेट पर आई...अभी अभी अपने एक मित्र से फोन पर बात करके नेट पर आई । वह क्रिकेट कोच है व हरभजन का कोच रह चुका है । उसके अनुसार जो गाली उसे अंग्रेजी में दी गई थी उस ही को उसने पंजाबी में दे डाला था । सो मामला बराबर था । परन्तु यह एक विचारधारा बन चुकी थी कि सफेद चमड़ी वाले के सौ खून माफ और भूरी चमड़ी वाले की एक गाली भी माफ नहीं , उस परम्परा को हरभजन ने तोड़ दिया है । गाली चाहे किसी भी रंग वाले ने दी हो टीम तो सफेद थी । <BR/>यह जानकर प्रसन्नता हुई कि अब हमारी नई पीढ़ी में इतना आत्मविश्वास है कि वे ईंट का जवाब पत्थर से दे सकते हैं । और इतने सब तमाशे के बाद जीत भी सकते हैं । सब जानते हैं कि दूसरे मैच में अंपाइर्स के निर्णय सही नहीं थे । उन सबके बावजूद भारत की टीम ने मिलकर एक इतिहास बना दिया । सबसे अधिक खुशी अनिल कुम्बले जैसे सज्जन व्यक्ति के लिए है । उसका खुद का रिकॉरड और यह भारतीय जीत उसके व हम सबके लिए एक सुखद एहसास है ।<BR/>घुघूती बासूतीghughutibasutihttps://www.blogger.com/profile/06098260346298529829noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-507131588328031600.post-61763862698835590902008-01-19T21:39:00.000+05:302008-01-19T21:39:00.000+05:30लेख शीर्षक को चरितार्थ कर रहा है। सुंदर और सटीक ले...लेख शीर्षक को चरितार्थ कर रहा है। सुंदर और सटीक लेख। आभार।Prabhakar Pandeyhttps://www.blogger.com/profile/04704603020838854639noreply@blogger.com