tag:blogger.com,1999:blog-507131588328031600.post5044913830691097665..comments2024-03-27T23:49:38.899+05:30Comments on परिकल्पना: कौन बचाएगा यहाँ पांचाली की लाज ?रवीन्द्र प्रभातhttp://www.blogger.com/profile/11471859655099784046noreply@blogger.comBlogger12125tag:blogger.com,1999:blog-507131588328031600.post-50642295323458738262008-12-18T15:28:00.000+05:302008-12-18T15:28:00.000+05:30सभी दोहे एक से बढ़कर एक रत्न समान हैं.यथार्थ का एक...सभी दोहे एक से बढ़कर एक रत्न समान हैं.यथार्थ का एकदम सही चित्रण प्रस्तुत किया है आपने इस रचना के माध्यम से .आपका बहुत बहुत आभार. दोहे मन मुग्ध कर गए.रंजनाhttps://www.blogger.com/profile/01215091193936901460noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-507131588328031600.post-19568117993003479842008-12-14T16:20:00.000+05:302008-12-14T16:20:00.000+05:30समय की हालत प्रस्तुत करती रचना /समय की हालत प्रस्तुत करती रचना /BrijmohanShrivastavahttps://www.blogger.com/profile/04869873931974295648noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-507131588328031600.post-44861695738397696562008-12-11T19:16:00.000+05:302008-12-11T19:16:00.000+05:30बहुत सुन्दर दोहे...अच्छा लगा पढ़ कर बधाई स्वीकारें ...बहुत सुन्दर दोहे...अच्छा लगा पढ़ कर बधाई स्वीकारें और सदा अपनी लेखनी से अवगत करवाते रहें...सुनीता शानूhttps://www.blogger.com/profile/11804088581552763781noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-507131588328031600.post-39442693461997028432008-12-11T18:36:00.000+05:302008-12-11T18:36:00.000+05:30अति सुंदर कविताअति सुंदर कविताVivek Guptahttps://www.blogger.com/profile/14118755009679786624noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-507131588328031600.post-70954697775292687222008-12-11T17:45:00.000+05:302008-12-11T17:45:00.000+05:30bahut sundar...sahuvaadbahut sundar...<BR/>sahuvaadशोभित जैनhttps://www.blogger.com/profile/15352455772386650794noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-507131588328031600.post-71238770233385361382008-12-11T11:41:00.000+05:302008-12-11T11:41:00.000+05:30आपके दोहे वाकई बहुत ही सुन्दर और सामयिक है , बधायी...आपके दोहे वाकई बहुत ही सुन्दर और सामयिक है , बधायीँ !गीतेशhttps://www.blogger.com/profile/14766567920202691433noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-507131588328031600.post-10044184128466702902008-12-11T00:52:00.000+05:302008-12-11T00:52:00.000+05:30एक से बढ़ कर एक लाजवाब दोहे...बेमिसाल..वाह वा...नीर...एक से बढ़ कर एक लाजवाब दोहे...बेमिसाल..वाह वा...<BR/>नीरजनीरज गोस्वामीhttps://www.blogger.com/profile/07783169049273015154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-507131588328031600.post-39826362875004262402008-12-10T22:34:00.000+05:302008-12-10T22:34:00.000+05:30घर- घर बांचे शायरी , शायर-संत - फ़कीर । भारत देश म...घर- घर बांचे शायरी , शायर-संत - फ़कीर । <BR/>भारत देश महान है , सब तुलसी सब मीर । ।<BR/><BR/>एक दम सटीक और भीतर तक सन्देश देते आपके ये दोहे हिन्दी ब्लाग सहित्य की धरोहर हुए जी.बवालhttps://www.blogger.com/profile/11131413539138594941noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-507131588328031600.post-3634027548101655072008-12-10T22:28:00.000+05:302008-12-10T22:28:00.000+05:30बहुत सार्थक लिखा है मित्र।बहुत सार्थक लिखा है मित्र।Gyan Dutt Pandeyhttps://www.blogger.com/profile/05293412290435900116noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-507131588328031600.post-64316048384168775522008-12-10T22:03:00.000+05:302008-12-10T22:03:00.000+05:30रविंद्र प्रभात जी आपकी इस बेहतर काव्यात्मक कविता प...रविंद्र प्रभात जी आपकी इस बेहतर काव्यात्मक कविता पर मेरे मन मेंे यह पंक्तियां आयी जो प्रस्तुत हैं।<BR/>दीपक भारतदीप <BR/>..................................<BR/>जो है गिद्ध वही कहलाने लगे सिद्ध<BR/>नजरें ही जिनकी काली हैं<BR/>हीरे और पत्थर की नहीं पहचान <BR/>पर पारखी के नाम से प्रसिद्ध<BR/>लाज लुटने की फिक्र किसे है<BR/>यहां तो अपनी आबरु बेचने पर<BR/>आमादा है जमाना <BR/>नैतिकता बस एक नारा है<BR/>लगाने में अच्छा लगता है<BR/>पर जो चलता है वह बिचारा है<BR/> इंसान बस चाहता है <BR/>पैसा और पद <BR/>जिससे हो जाये प्रसिद्ध<BR/>.......................dpkrajhttps://www.blogger.com/profile/11143597361838609566noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-507131588328031600.post-31760854142500732252008-12-10T22:02:00.000+05:302008-12-10T22:02:00.000+05:30bahut hi badhiya shabdo me piroyi badhiya rachana ...bahut hi badhiya shabdo me piroyi badhiya rachana abhvyakti.समयचक्रhttps://www.blogger.com/profile/05186719974225650425noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-507131588328031600.post-40677089324047289492008-12-10T21:18:00.000+05:302008-12-10T21:18:00.000+05:30ये दोहे नही आज की आवाज़ है जिसे केवल महसूस किया जा ...ये दोहे नही आज की आवाज़ है जिसे केवल महसूस किया जा सकता है , आपने बहुत ही सुंदर अभिव्यक्ति दी है !malahttps://www.blogger.com/profile/09493715792470271562noreply@blogger.com