व्यंग्य  
बम कई प्रकार के होते हैं, एक वह जो मनमोहन सिंह की तरह फुसफुसाके फुस्स हो जाए । एक वह जो ब्लास्ट होते ही तालिबानी लड़ाकुओं की तरह पूरा का पूरा कुनबा चट कर जाए । इससे ऊपर बढिए तो हाईड्रोजन बम,अणु बम,परमाणु बम और न जाने  कितने प्रकार के होते हैं बम,सही-सही जानकारी लेनी हो तो ओबामा से ले सकते हैं क्योंकि ओबामा में भी है बम । बहुत पहले मल्लिका बम भी हुआ करता थायानी मल्लिका शेरावत बम जहां भी रख दो आठ-दस युवाओं को तो घायल कर ही जाती । वर्ल्ड कप के दौरान पूनम पाण्डेय बम भी फूटा था  । इसीप्रकार पिछले वर्ष अन्ना बम और बाबा बम भी फूटा था, जो हिला गया था पूरी की पूरी सल्तनत को  आजकल पब्लिकसिटी में  फूटा है एक और शक्तिशाली बम यानी लेटर बम,जो कर गया है सरकार की नाक में दम  

बात ये है भाई साहबकि घूस कांड का बम फोड़कर सरकार से टकराव मोल ले चुके जनरल वीके सिंह ने अब एक और गोला दाग दिया है। सेना प्रमुख ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को एक पत्र लिखकर देश की सुरक्षा तैयारियों के खस्ता हाल होने का खुलासा किया है। आर्मी चीफ जनरल वी.के.सिंह का एक और लेटर जो बम बनने की प्रक्रिया में था, अचानक फट गया है यानी मीडिया में लीक हो गया । जनरल ने सीबीआई को यह लेटर लिखकर ले. जन. दलबीर सिंह के खिलाफ जांच की सिफारिश की थी। लेटर  बम के अचानक फट जाने से आजकल सोनिया चाची चिंतामग्न है,क्योंकि यह कोई ऐसा वैसा बम नहीं था जो लोगों को मार कर  सुस्त पड़ जाए यह बम तो राष्ट्रीय सुरक्षा की चूलें हिलाने की क्षमता रखता था ।  

वैसे जबतक आरोप सिद्ध न हो जाए हर नेता राष्ट्रभक्त होता है और आरोप सिद्ध होने तक आरोप लगाने वाला राष्ट्रद्रोही  भारतीय सेना के द्वारा भेजे गए इस लेटर बम से रक्षा मंत्रालय घायल न हो इसलिए सल्तनत का पूरा कुनबा मिलकर यत्न कर रहा है कि जनरल के ऊपर हीं सारी मुसीबत उड़ेल दो   

और आगे से यह कोशिश की जाए कि और कोई बम फिर न फूटे इसलिए बम निरोधक दस्ते में शामिल है सल्तनत के रक्षा मंत्री । घबराईये  मत, आगे इस बम के फूटने से जान-माल की हानि होने की संभावना नहीं है, किन्तु कई लोगों की कुर्सी जाने की संभावना जरूर है   स्वर्ग के राजा इंद्र को भी अपनी कुर्सी बचाने की चिंता में नींद नहीं आती थी    यह सर्वश्रेष्ठ कुर्सी चुनाव से नहीं, तपस्या अथवा एक सहस्त्र अश्वमेध यज्ञ  द्वारा प्राप्त हो सकती थी , इसलिए वे प्रत्येक तपस्वी का तप अप्सराएं भेजकर भंग किया करते थे    अब सोनिया चाची भी जानती हैं कि उनकी कुर्सी कमोवेश इन्द्र की कुर्सी के सामान ही है,जो  चुनाव से प्राप्त नहीं हो सकती है वल्कि तिकरम रूपी अश्वमेध यज्ञ से हो सकती है   

एक अकेला लेटर  बम, देश की पूरी सल्तनत पर भारी पड़ गया है। सरकार के कारिंदों को पसीना आ रहा है। रक्षा मंत्री  के पेशानी पर बल पड़ रहे हैं । वेचारे प्रधान मंत्री जी आगे से फिर कोई बम न फूटे इस जुगत में सुख के काँटा हो गए हैं । बित्त मंत्री के गले सूख रहे हैं, लेकिन पानी है, कि गले से नीचे उतरने का नाम नहीं ले रहा। जनरल के  मुंह पर टेप लगा दिया गया है ताकि वे कुछ भी ऐसा न बोले जिससे रेडियेशन का खतरा उत्पन्न हो ।  एक अकेले उसी लेटर  बम के चलते  कुछ लोग कहते हैं कि सरकारी कारिंदों ने ही बनाया है यह लेटर बम, ताकि जनरल  की हेकड़ी कम हो और वे अपना उल्लू सीधा कर सके । जब दो  शक्तिशाली बम आपस में टकरायेंगे तो भ्रष्टाचार रूपी दानव का कौन क्या बिगाड़ लेगा   फिर तो सरकारी मुलाजिम धोती पहने या पायजामा क्या फर्क पड़ता है ।  इस बार अकेले लेटर बम की सनसनी  ने सबको यानी सरकार और सरकारी व्यवस्था को लपेट लिया है, सुरक्षा कवच के नाम पर । सल्तनत की नाक के नीचे जनरल ने तंबूतान दिया है। अब देखना है आगे यह बम और क्या-क्या गुल खिलाता है  
() रवीन्द्र प्रभात 

20 comments:

  1. सल्तनत की नाक के नीचे जनरल ने “तंबू” तान दिया है।
    बिल्‍कुल सही कहा है आपने ...बहुत ही बढिया।

    जवाब देंहटाएं
  2. वैसे जबतक आरोप सिद्ध न हो जाए हर नेता राष्ट्रभक्त होता है और आरोप सिद्ध होने तक आरोप लगने वाला राष्ट्रद्रोही ।

    सही कहा है आपने !

    जवाब देंहटाएं
  3. आपने तो अपने व्यंग्य में सरकार और सरकारी व्यवस्था दोनों को लपेट लिया है, बहुत खूब !

    जवाब देंहटाएं
  4. प्रसंगवश यह व्यंग्य काविले तारीफ़ है !

    जवाब देंहटाएं
  5. vaise to sabhi bam fodoo hote hain.. manmoahn-fusss bam aur mallika bam ka javab nahi...

    जवाब देंहटाएं
  6. कुछ बम ऐसे होते हैं जो सब को चुप करा देते हैं . फिर शांति ही शांति .

    राजनीति में ऐसे बम चलते ही रहते हैं .

    लेकिन जनता को बस तमाशा देखना पड़ता है .

    जवाब देंहटाएं
  7. अच्छी विश्लेषणात्मक टिप्पणी है.

    एक नजर यहां भी डालें:-

    http://www.mediacaregroup.co.in

    जवाब देंहटाएं
  8. अच्छी विश्लेषणात्मक टिप्पणी है.

    एक नजर यहां भी डालें:-

    http://www.mediacaregroup.co.in

    जवाब देंहटाएं
  9. वाह! कैसे-कैसे बम
    फिर भी इतना दम
    कि सब सह लेंगे हम
    नहीं हौसला कम
    संग सरकारी परचम

    जवाब देंहटाएं
  10. आपको रामनवमी और मूर्खदिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ!

    ----------------------------
    कल 02/04/2012 को आपकी यह पोस्ट नयी पुरानी हलचल पर लिंक की जा रही हैं.आपके सुझावों का स्वागत है .
    धन्यवाद!

    जवाब देंहटाएं
  11. बढ़िया व्यंग ... कुछ बम के धमाके सुनाई नहीं देते पर असर दिखाई देता है ॥

    जवाब देंहटाएं
  12. रवीन्द्रजी, वाह! बहुत खूब!!....सही निशाने पे फूटा है यह बम .....बहुत सही !!!!!!

    जवाब देंहटाएं
  13. व्यंग्य द्वारा सरकार की पोल खोंल दी आपने...बेहतरीन!

    जवाब देंहटाएं

आपका स्नेह और प्रस्तुतियों पर आपकी समालोचनात्मक टिप्पणियाँ हमें बेहतर कार्य करने की प्रेरणा प्रदान करती हैं.

 
Top